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कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकते हैं,और हार के जीतने वाले को ही आशिक़ अली कहते हैं।


एक पत्थर तबियत से उछालो यारो!!
जी हां, इस कहावत को चरितार्थ करने वाला यह वही शख्स है जिसने पनियरा विधान सभा के परतावल ब्लाक में चल रहे धनबल-बाहुबल-पार्टी सिम्बल को अपनी सादगी और शालीनता के बल पर ऐसी शिकस्त दी कि कितनों के पैरों तले जमीन ही खिसक गई। साथ इस मिथक को भी तोड़ दिया है कि धनबल, बाहुबल और बड़ी – बड़ी गाड़ियों के काफिले के मुकाबले एक साधारण आम इंसान भी अपनी मेहनत,कर्मठता,सहजता,हर दुख- सुख में उपलब्धता की बदौलत नंगे पांव दौड़ लगाकर मजबूत से मजबूत ताबूत में कील ठोक सकता है,पर इसके लिए जज्बे,जुनून,निःस्वार्थ सेवाभाव,त्याग,समर्पण के साथ ही लोभ-मोह,डर-भय से परे होकर लोगों का विश्वाश जितना होगा।
–वार्ड नम्बर 38 से जिला पंचायत सदस्य आशिक अली