क्या आपने कभी मेंढक और मेंढकी की रीति-रिवाज और मंत्रोच्चारण के साथ शादी होते देखी है? सुनने में ये बात थोड़ा अजीब लग सकती है लेकिन गोरखपुर में एक मेंढक और मेंढकी को पूरे विधि-विधान के साथ दूल्हा और दुल्हन बनाया गया है और फिर उनकी शादी की गई। ये मामला गोरखपुर के रेती स्थित कालीबाड़ी मंदिर का है, जहां विश्व हिंदू महासंघ के लोगों ने मेंढक और मेंढकी की शादी करवाई है। इस शादी में मेंढक और मेंढकी की तरफ से मेहमान भी शामिल किए गए और मेंढक-मेंढकी को हल्दी-चंदन भी लगाया गया। इसके बाद मंत्रों के साथ उनकी शादी की गई।
कई जिलों में सूखे जैसे हालात
इन दिनों उत्तर प्रदेश खासकर पूर्वी उत्तर प्रदेश बुरी तरह गर्मी का सामना कर रहा है। बारिश न होने से कई जिलों में सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं। बारिश को लेकर एक के बाद एक मौसम विभाग की भविष्यवाणियां फेल हो रही हैं। जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं खेतों में सूखती फसल और गर्मी लोगों को बेचैन कर रही है। निजात पाने के लिए वे तरह-तरह के टोटके भी आजमा रहे हैं।
मेंढक-मेंढकी की शादी की मान्यता
कई लोगों के मन में सवाल उठता है कि मेंढक और मेंढकी की शादी ही क्यों इस टोटके में की जाती है! दरअसल ये प्रथा है कि मेंढक मानसून के दौरान बाहर निकलता है और मेंढकी को आकर्षित करने के लिए आवाजें निकालता है। इसीलिए अगर इनकी शादी करवा दी जाए और वो मिलन के लिए तैयार हो जाएं तो इंद्रदेव खुश होते हैं। हालांकि इंडिया टीवी इन दावों की पुष्टि नहीं करता। ये स्थानीय लोगों का विश्वास है, जिसके लिए वह ये टोटका करते हैं।