सौरभ पाण्डेय (श्यामदेउरवा)
महराजगंज। सरकार प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता लाने तथा शिक्षा के मूल ढांचे को मजबूत करने के लिए लाखों- करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन गैर जिम्मेदार लोगों के चलते सरकार की मंशा पर पानी फिर जा रहा है। विकास खंड परतावल के ग्राम सभा श्यामदेउरवा के प्राथमिक विद्यालय के जर्जर भवन में ननिहाल बैठने को मजबूर है। अब तो विद्यालय भी खुल रहे है, लेकिन यहाँ किसी जिम्मेदार की नजर नहीं पहुंच रही है। जबकि हाल में हुए ग्राम पंचायत चुनाव में डीएम, एसपी, सीडीओ अन्य अधिकारी भी इस विद्यालय का निरीक्षण कर चुके हैं, लेकिन किसी अधिकारी की नजर इस बदहाल हाल पर नहीं पड़ी। प्रधानाध्यापिका शीला रावत ने कई बार ग्राम पंचायत स्तर से प्रस्ताव भी पारित कराया। कई बार उच्चाधिकारियों को प्रार्थना पत्र से अवगत भी कराया जा चुका है। लेकिन नतीजा कुछ न रहा। जर्जर हालत देखकर अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने से कतराते हैं। विद्यालय की दीवारें दरक गई हैं, तो एक कमरे का छत पूरी तरह से जर्जर होकर ध्वस्त हो चुकी है। दीवार में पड़े दरार से अभिभावक आशंकित रहते हैं। हालांकि लोगों ने इसकी लिखित शिकायत उच्चाधिकारियों से भी की, लेकिन कोई असर नहीं पड़ा। प्रधानाध्यापिका ने बताया कि प्राथमिक उक्त विद्यालय में कक्षा 01 से 05 तक कुल 130 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। जिन्हें शिक्षा देने के लिए विद्यालय में पर्याप्त शिक्षक और शिक्षिका भी कार्यरत है। भवन की हालत को विभागीय अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। जबकि जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक इस विद्यालय का निरीक्षण भी किए थे, लेकिन आज तक भवन नहीं बन सका।
प्रधानाध्यापिका शिला रावत ने ये बताया……..
प्रधानाध्यापिका शिला रावत ने बताया कि विद्यालय का निर्माण 1950 मे हुआ है, पूरा बिल्डिंग जर्जर हो चुका है, एक कमरे का छत तो पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है। इसकी जानकारी हमने विभागीय अधिकारियों को दे दी है। मीटिंग के दौरान भी ये बात अवगत कराया जा चुका है, तथा उच्चाधिकारियों को डाक द्वारा रजिस्ट्री भी भेजा जा चुका है।
क्या कहे खण्ड शिक्षा अधिकारी
परतावल ब्लॉक के खण्ड शिक्षा अधिकारी राज किशोर सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में नही है अभी…। जर्जर भवनों की सूची मांगी गई है। जैसे सूची उपलब्ध हो जाती है, जल्द ही उसको ठीक कराने का कार्य किया जाएगा।