अनीसुर्रहमान सिद्दीकी
श्यामदेउरवां थानाक्षेत्र के बड़हरा बरईपार में इलाज के नाम पर धन उगाही करने और बिना पंजीकरण के ही चल रहे नेचुरल उपचार केन्द्र हास्पिटल को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बंद करा दिया। अस्पताल संचालक को अपना पक्ष रखने की पूरी महोलत भी दी गई थी। लेकिन वह कागज प्रस्तुत करने में असफल रहा। बड़हरा बरईपार के रहने वाले बिदुर वर्मा ने अपनी पत्नी रेनू देवी का प्रसव पीड़ा होने पर आशा कार्यकर्ता शीला देवी को सूचना दी। आशा शीला देवी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परतावल न ले जाकर उन्हें निजी अस्पताल नेचुरल उपचार केन्द्र बड़हरा बरईपार में भर्ती कराया। जहां बिना आपरेशन के ही जुड़वां बच्चे पैदा हुए। लेकिन वहां के डाक्टर ने प्रसव कराने के एवज में 20,000 बीस हजार रुपए ले लिया। जिसकी लिखित शिकायत विदुर वर्मा ने की थी।शिकायत मिलने पर नेचुरल उपचार केन्द्र के संचालक से तीन दिन में पंजीकरण सम्बंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा गया था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
अधीक्षक डॉ० दुर्गेश सिंह ने बताया कि अस्पताल को बंद करा दिया गया है। तथा अस्पताल संचालक को निर्देशित किया गया है कि वह पीड़ित से ली गई धनराशि वापस करें। कानूनी कार्रवाई के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी महराजगंज को पत्र भेजा गया है।