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नवजात शिशुओं के लिए संजीवनी है माँ का दूध-डाॅ.संजय

सौरभ पाण्डेय

माॅस्क लगाकर स्‍तनपान कराएं, शिशुओं को संक्रमण से बचाएं

कुशीनगर:- कोविड-19 के दौरान स्‍तनपान सप्‍ताह की शुरुआत है। ‘स्‍तनपान विकल्‍प नहीं, संकल्‍प है’ थीम के साथ शुरु हुए स्‍तनपान सप्‍ताह में आशा कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए गए हैं कि वे धात्री महिलाओं को स्‍तनपान के लिए प्रेरित करते हुए उन्‍हें साफ सफाई के साथ मास्‍क लगाकर स्‍तनपान के लिए प्रेरित करें। ऐसा करने से शिशुओं के अन्‍दर संक्रमण की संभावना नहीं रहेगी। शिशु के जन्म के एक घंटे के अंदर पीला गाढ़ा दूध जरूर पिलाएं, क्‍योंकि माँ का दूध बच्चे के लिए संजीवनी है। उक्त बातें परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डाॅ. संजय कुमार गुप्ता ने कही। उन्होंने कहा कि स्तनपान विकल्प नहीं संकल्प है। इसे गंभीरता से लेकर सभी आशा कार्यकर्ताओं को पूरी निष्ठा से लगना होगा । इस सप्ताह के अंतर्गत सभी आशा कार्यकर्ता कोविद प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सभी धात्री महिलाओं के घर जाकर शारीरिक दूरी रखते हुए स्तनपान पर जोर दें।धात्री महिलाओं को पूरी साफ सफाई रखते हुए माॅस्क लगाकर शिशुओं को स्तनपान कराने का अभ्यास कराएं।साथ ही स्तनपान के महत्व को भी बताएं। यह भी बताएं कि छह माह तक केवल बच्चों को स्तनपान ही कराएं। किसी भी प्रकार से पानी, शहद, घुट्टी आदि कदापि न पिलाएं, क्‍योंकि मां का दूध बच्‍चे के लिए सम्‍पूर्ण आहार है। गर्भवती को यह जरूर बताएं कि प्रसव कक्ष में प्रसव के एक घंटे के अंदर पीला गाढ़ा दूध जरूर पिलाएं।उन्होंने कहा कि स्तनपान सप्ताह में माताओं का सहयोग और स्तनपान को बढ़ावा दिया जाना एक महत्त्वपूर्ण गतिविधि है।

कोविड-19 में स्तनपान, लेकिन बात रहे यह ध्‍यान

•यदि माँ कोविड से संक्रमित है या उसकी संभावना है तब भी मां शिशु को स्तनपान करा सकती है।
•यदि बच्चा बीमार है और वह कोविड से संक्रमित है और यदि वह दूध पी पा रहा है तो मां अवश्य शिशु को स्तनपान करायें।
•स्तनपान सप्ताह से जुड़ी गतिविधियों से प्रतिभागियों को अवगत करना।
•कोविड के दौरान स्तनपान संबंधी प्रोटोकॉल से सभी को अवगत कराना।
-स्तनपान अभियान की गतिविधियों को गुणवत्तापूर्वक चलाने में सहभागिता निभाना।

स्तनपान से यह हैं लाभ

-मां के दूध में बच्चे के लिए आवश्यक प्रोटीन, वसा, कैलोरी, लैक्टोज, विटामिन, लोहा, खनिज, पानी और एंजाइम पर्याप्त मात्रा में होते है।
-मां का दूध पचने में त्वरित और आसान होता है। यह बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
-बच्चों को कई तरह के संक्रमणों से सुरक्षित करता है।
-बच्चे के मस्तिष्क के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका का निभाता है।
-यह किफ़ायती और संक्रमण से पूरी तरह से मुक्त होता है।
-स्तनपान बच्चे और मां के बीच भावनात्मक बंधन को बढ़ाता है।