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महराजगंज: 26 वर्ष पहले हत्या मामले में एक को आजीवन, दूसरे को 10 वर्ष की सजा

महराजगंज। अपर सत्र न्यायाधीश रेखा सिंह की अदालत ने 26 वर्ष पूर्व सदर कोतवाली क्षेत्र के जंगल फरजंद अली निवासी हरिश्चंद्र की दिनदहाड़े लाठी-डंडों से पीटकर हत्या के मामले में दोष सिद्ध पाए जाने पर अभियुक्त रामचंद्र को आजीवन कारावास एवं अभियुक्त श्रीपत को 10 वर्ष कारावास के साथ 70 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
26 वर्ष पहले सदर कोतवाली में दर्ज हुआ था मामला
पत्रावली से मिली जानकारी के मुताबिक 18 सितंबर वर्ष 1996 को सदर कोतवाली क्षेत्र के जंगल फरजंद अली निवासी मुराली ने कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि हरिश्चंद्र, कैलाश और रमेश घंगरहवा गांव के सिवान में जंगल से सटे खड़े थे। इसी बीच रामचन्द्र और हरिकेश जंगल से लकड़ी काटकर ला रहे थे। उन्हें रोकने पर दोनों के साथी श्रीपत निवासी घंगरहवा तमंचा और राजू लाठी-डंडा लेकर पहुंचे। श्रीपत ने जान से मारने की नीयत से फायर किया लेकिन श्रीपत के निशाने से वे लोग बच गए। उसके बाद राजू, रामचंद्र और हरिकेश एक साथ मिलकर लाठी-डंडों से हरिश्चंद्र को मार कर फरार हो गए। पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपियों ने हरिश्चंद्र की पीटकर हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की। इसके बाद मुकदमे की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश ने की। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सर्वेश्वर मणि त्रिपाठी ने आठ गवाहों को प्रस्तुत कर आरोपियों के खिलाफ सजा की मांग की।
दो अभियुक्तों की मुकदमें के दौरान हो गयी मौत
अपर सत्र न्यायाधीश रेखा सिंह की अदालत ने शनिवार को चार आरोपियों में से अभियुक्त रामचन्द्र को आजीवन कारावास तथा श्रीपत को 10 वर्ष के कारावास के साथ 70 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं दो अभियुक्त हरिकेश और राजू की मुकदमा के दौरान मौत हो गई। मृतक हरिश्चंद्र उक्त मुकदमे में गवाह रहा। न्यायालय द्वारा अपने विस्तृत फैसले में उक्त सजा सुनाई गई है।