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पंचायत चुनाव आरक्षण के लिए 15 फरवरी तक करना पड़ सकता है इन्तजार

उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने वाले हैं जिसकी तैयारी जोरों पर चल रही है, लेकिन आरक्षण फार्मूला प्रत्याशियों की मुश्‍क‍िलें बढ़ा रहा है. आरक्षण नए सिरे से हो या चक्रानुक्रम, यह फैसला अब सूबे की योगी सरकार को लेना है. जानाकरी के अनुसार क्षेत्र और जिला पंचायतों में आरक्षण शून्य करने जबकि ग्राम सभाओं में चक्रानुक्रम लागू किए जाने पर भी विचार किया जा रहा है. फिलहाल नई आरक्षण सूची के लिए उम्मीदवारों का इंतजार खत्म नहीं हुआ है.

सूबे में पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज नजर आ रहीं हैं. अब गांव में ग्राम प्रधान, बीडीसी और जिला पंचायत सदस्यों के लिए आने वाली आरक्षण सूची का इंतजार उम्मीदवार कर रहे हैं. हालांकि बताया जा रहा है कि 15 फरवरी तक इस संबंध में बातें क्लियर हो पाएंगी. करीब एक पखवाड़े के बाद यह तय हो पाएगा कि कौन से वार्ड और ग्राम सभा में किस जाति के लिए चुनाव लड़ने को सीट अरक्षित करने का काम किया गया है.

आपको बता दें कि अभी तक आरक्षण लिस्ट के संबंध में कोई भी सूचना जारी नहीं की गई है. आरक्षण को लेकर अभी तक सरकार में बैठकों का दौर जारी है. फरवरी में ही स्थिति साफ हो पाएगी कि किस सीट पर कौन चुनाव लड़के के काबिल है. आरक्षण सूची के संबंध में उत्तरप्रदेश के संसदीय एवं ग्राम्य विकास राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने पिछले दिनों कहा था कि त्रिस्‍तरीय पंचायत चुनाव के लिए 15 फरवरी तक आरक्षण की स्थित स्‍पष्‍ट हो जाएगी.
इससे साफ जाहिर होता कि अभी तक आरक्षण के रोस्टर को लेकर कोई रूप रेखा अभी तक तैयार नहीं हो सकी है. सूत्रों की मानें तो सरकार आरक्षण के रोस्टर के लिए बैठक कर मंथन ही कर रही है जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 31 मार्च तक हर हाल में पंचायत चुनाव करा लेने की बात कही थी.