सपनो को लग रहे है हकीकत के पंख,’ हैप्पी बर्थ डे महराजगंज’
महराजगंज। दो अक्टूबर को जनपद सृजन के तैतीस साल हो गये। 2 अक्टूबर 1989 को जनपद महराजगंज निर्माण के बाद तमाम उतार चढ़ाव व खट्ठे मीठे यादो को संजोये हुए तैतीस साल का सफर तय किया। इन तीस सालों में कृषि प्रधान जनपद किसानों के लिए अपेक्षाकृत प्रगति नहीं कर पाया।चीनी मिल की खस्ताहालत से गन्ने लुप्त हो रहे है तो कुछ ऐसे भी क्षेत्र है जिसमें जनपद अपनी अलग पहचान बनाने में कामयाब भी रहा है। जनपद मुख्यालय का नगर क्षेत्र आकार में बड़ा हुआ है और चमाचम सड़क स्ट्रीट लाइट पार्क ने मुख्यालय की रौनक बढा दी है अलवत्ता बाईपास का मर्ज अभी भी दर्द दे रहा है। नगर क्षेत्र के लोगों की स्वच्छ हवा व योगा आदि के लिए पार्क व सरोवर सुसज्जित हुए है लेकिन सक्सेना चौक से मउपाकड़ मार्ग पर बदहाली तैतीस साल बाद भी बरकरार है।
उल्लेखनीय है कि महराजगंज पहले गोरखपुर जनपद का हिस्सा था।जनपद सृजन के पूर्व ही महराजगंज स्वतंत्रता आंदोलन से अपनी पहचान स्थापित कर चुका है।महान क्रांतिकारी प्रो. शिब्बन लाल सक्सेना ने स्वतंत्रता की अलख जगाकर तराई की पहचान राष्ट्रीय फलक पर दिलाई।1931मे सिसवा का खेसरारी गांव व 1942में घुघली का विशुनपुर गबडुआ अग्रेजो की बर्बरता का शिकार हुआ और यहा से उठी क्रान्ति की चिंगारी स्वतंत्रता की मशाल को चटख किया।2अक्टूबर1989को जनपद सृजन के बाद जनपद विभिन्न सरकारो में उपेक्षा का दंश झेलता रहा।जिला मुख्यालय से ट्रैन कि ख्वाहिश जनपद सृजन के33साल बाद भी पूरी न हो सकी,हालांकि जनपद को पहली बार केन्द्र मे मंत्री मिलने का अवसर मिला और जनता के सपनों पर हकीकत के पंख लगने लगे।गन्ना उपज में अग्रणी इस जनपद की मिट्टी किसानो की तकदीर लिखती आई लेकिंन बंद होती चीनी मिले खेती से मोहभंग और पलायन का कारण बन गयी है।नगर मुख्यालय की बात करे तो मुख्यालय बनने के बाद आज तक महराजगंज विकास प्राधिकरण का न बनना, प्लाट व आवासीय घर का आवंटन न होना हर साल तबाही मचाती महाव, डोमरा नारायणी गंडक आदि नदियों का स्थायी समाधान न हो पाना पशुपालन में अग्रणी जनपद में पशु इलाज की बेहतर सुविधाओं का टोटा वसूली कृषि फार्म को हाईटेक सुविधा न होने का कसक है अलवत्ता सोहगीबरवां वन्य जीव अभ्यारण्य को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के लिए जंगल सफारी राम ग्राम का विकास जैसे कार्य नई पहचान बनाने को आतूर है।
ख्वाब जो है अधूरे
जनपद मुख्यालय का आकार तो यह रहा है लेकिन बेहतर यातायात के लिए रिंगरोड,निचलौल रोड़ पर चौड़ी सड़को का दंश नगर क्षेत्र के लोग रोज झेल रहे हैं। ऐसे ही खस्ताहाल सेहतमंद नहीं हो पाया है।ट्रेन, स्वतंत्रता संग्राम स्थल खेसारी विशुनपुर गबडुआ का अपेक्षाकृत विकास न हो पाना बंद चीनी मिलो का न चल पाना नगर क्षेत्र के बलिया नाला पर अन्य पुल का न होना, इन्सेफ्लाइटिस का बेहतर इलाज का अभाव, दम तोड़ते रोजगार व पलायन महिला शिक्षा को बेहतर करने पर नाकामी तो केन्द्रीय विद्यालय की सुस्त चाल राजकीय कृषि विद्यालय गन्ना अनुसंधान केन्द्र व पर्यटन आदि के क्षेत्र में तमाम ऐसे ख्वाब है जो अधूरे है।
जनपद की उपलब्धियां
जनपद ने तमाम उपलब्धियां हासिल की है जिनमे पीपीपी माडल मेडिकल कालेज सीएमओ आफिस भवन अस्पताल मे डायलिसिस सिटी स्कीन अल्ट्रासाउंड एसएनसीयू सुविधा में नवोदय विद्यालय, पालीटेक्निक स्कूल, फायर स्टेशन, महिला चिकित्सालय पालिटेक्निक कालेज महिला थाना बेहतर सड़के बस स्टेशन का उच्चीकरण थाना वनग्राम को राजस्व ग्राम की पहचान,चानकी पुल,मुख्यालय पर पार्क,रैन बसेरा,स्टेडियम, दर्जिनिया ताल के मगरमच्छ का अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान विद्युत सब स्टेशन बस स्टेशन का उच्चीकरण और जंगल सफारी बौद्ध स्तूम रामग्राम सोनाडी देवी व कटहरा मंदिर जीर्णोद्वार व लेहड़ा मंदिर कारिडोर जैसे विकास योजनाए प्रगति पर है। ऐसी तमाम बुनियादी जरूरते है जो उपलब्ध हुई है।
जनपद पर एक नजर
जनपद पर एक नजर डाले तो जनसंख्या व क्षेत्रफल की दृष्टि से सुविधाएं यहा अपेक्षाकृत काफी कम है। महराजगंज में एक लोकसभा पांच विधानसभा चार तहसील बारह ब्लाक 11 नगर निकाय 18पुलिस स्टेशन1महिला थाना, 1262गांव साक्षरता दर56प्रतिशत व क्षेत्रफल2934किमी है।