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महराजगंज:कार्तिकेय त्रिपाठी ने बढ़ाया जिले के माटी का मान,जाने क्या है पूरा मामला

कभी यह कहा गया कि “ करत करत अभ्यास ते जड़मति होई सुजान , रसरी आवत जात ते सिल पर पड़त निशान ” मतलब यह कि यदि आपने लगन पूर्वक कोई कार्य किया तो निश्चित ही आपको सफलता मिलती है । यह समस्त पक्तियाँ आज घुघुली ब्लाक के लक्ष्मीपुर शिवाला निवासी उमेश चन्द्र त्रिपाठी ( सेवानिवृत्त एडीओ ) के सुपुत्र कार्तिकेय त्रिपाठी पर सटीक सिद्ध हो रही हैं । जिन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी दुर्गापुर से बीटेक कोर्स कर विद्युत विभाग में एस डी ओ / असिस्टेंट इंजीनियर का पद प्राप्त किया है । कार्तिकेय ने बताया कि उनकी प्राथमिक शिक्षा श्री शिवजपत सिंह जनता शिशु सदन से तथा हाईस्कूल की शिक्षा पं. दीन दयाल हायर सेकंडरी स्कूल महराजगंज से पूरी हुई । आगे उन्होंने बताया कि गोरखपुर के महात्मा गांधी इंटर कालेज से इंटरमीडिएट की शिक्षा के उपरांत वो इंजीनियरिंग की अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण कर भारत सरकार की संस्था नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी दुर्गापुर ( पश्चिम बंगाल ) से बीटेक किया । दुर्गापुर से कैम्पस प्लेसमेंट के जरिये इनका चयन “ उत्तम गल्वा मेटालिक्स लिमिटेड , वर्धा नागपुर महाराष्ट्र ” में असिस्टेंट इंजीनियर पद पर हुआ । सेवा के दौरान पूरी तैयारी न कर पाने की कसक के कारण इन्होंने पिछले साल उस सेवा को पूर्ण रूप से छोड़कर पूर्णकालिक तैयारियों में जुट गए । व्यतीत अगस्त माह में इनका चयन पश्चिम बंगाल के राज्य विद्युत वितरण निगम में एस डी ओ / असिस्टेंट इंजीनियर के पद पर हुआ । महामारी कोरोना के कारण ज्वाइनिंग लेटर देर से आया ।
कार्तिकेय त्रिपाठी की माँ गृहणी हैं तो वहीं दोनों बड़ी बहनें क्रमशः डा. रंजना त्रिपाठी असिस्टेंट प्रोफेसर संस्कृत ( डी. एस. एन. पीजी कॉलेज उन्नाव ) व डा. तृप्ति त्रिपाठी असिस्टेंट प्रोफेसर व विभागाध्यक्ष भूगोल ( एल. बी. एस. एस. पीजी कॉलेज आनन्दनगर फरेंदा ) में सेवा दे रही हैं । इस उपलब्धि पर जहाँ गांव में खुशी का माहौल है वहीं जनपद भी अपने लाल को दुआएं दे रहा है