- निचलौल क्षेत्र में पकड़े गए मटर में गोलमाल का मामला
- महराजगंज जिले के निचलौल एसडीएम और एसएसबी जवानों ने की थी कार्रवाई
- अनियमितता के आरोप में एसएसबी के जवान मोहन सिंह पर गिर चुकी है कार्रवाई की गाज
- निचलौल कस्टम विभाग में 10 लोगों के माल का चार लोगों के नाम से कटा है चालान
महराजगंज : निचलौल क्षेत्र में छह अगस्त को एसडीएम और एसएसबी जवानों द्वारा शितलापुर में छापेमारी कर बरामद किए करीब 2500 बोरी तस्करी के मटर में गोलमाल किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। इसमें जहां यह आरोप है कि 500 बोरी मटर जिम्मेदारों द्वारा ही बेंच दिया गया वहीं कुल 10 लोगों के मटर को मात्र अपने चहेते चार लाेगों के नाम से खारिज कर देने की सच्चाई भी है। अब बाकी छह आरोपित जुर्माना जमा कर अपना माल छुड़ाने के लिए कस्टम कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं।
यह मामला उजागर होने के बाद एसएसबी के कमांडेट मनोज सिंह ने कार्रवाई करते हुए एसएसबी जवान मोहन सिंह को बीओपी से हटाकर जहां कमांडेंट कार्यालय से अटैच कर दिया है, वहीं जिलाधिकारी डॉक्टर उज्जवल कुमार ने भी निचलौल एसडीएम के भूमिका की अपने स्तर से जांच करा रहे हैं।
बताते चलें कि छह अगस्त को निचलौल के एसडीएम ने बीओपी शितलापुर के कर्मचारियों के साथ शितलापुर में छापेमारी कर 6 अगस्त को करीब 2500 बोरी मटर बरामद करते हुए मौके से कुल 10 लोगों में ऋषिराज, धर्मेंद्र गुप्ता, अविनाश, अजीमुल्लाह, मुकेश, तबारक, राजन थापा, संदीप ,सुग्रीव व योगेंद्र पाल को गिरफ्तार कर लिया था।
मटर बरामदगी के बाद नियम से उसे या तो थाना लाना चाहिए अथवा कस्टम कार्यालय पहुंचना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। एसडीएम ने बाकायदा मीडिया ग्रुप में बरामद माल और 10 लोगों का नाम भी शेयर किया था । लेकिन अगले ही दिन मामले में गेम हो गया । जहां बरामद 2500 बोरी मटर घटकर मात्र 1914 बोरी हो गई वही आरोपितों की संख्या भी कम हो गई । निचलौल कस्टम कार्यालय में जमा कराए गए माल में अधिकारियों ने मात्र 4 लोगों के नाम से पूरी की पूरी 1914 बोरी तस्करी का माल जमा करा दिया । आरोप है कि अधिकारियों ने जानबूझकर 10 आरोपियों का माल मात्र 4 लोगों के नाम से खारिज करा दिया जिससे शेष छह लोग अपना माल प्राप्त करने के लिए भटक रहे हैं ।
कैसे हुआ है गेम
दर असल बॉर्डर पर मटर तस्करी का कारोबार कस्टम शुल्क की चोरी कर तस्करों द्वारा अंजाम दिया जाता है । तस्करी का सामान पकड़े जाने पर आरोपितों के खिलाफ कस्टम एक्ट के तहत कार्रवाई होती है जिसमें जुर्माना शुल्क जमा कर तस्कर अपना माल छुड़ा लेते हैं । लेकिन यह तभी संभव है जब जप्त किया गया माल उनके नाम से जब तक किया गया हो अथवा लावारिस माल पर अधिकार जमाने वाले व्यक्ति के पास उससे संबंधित साक्ष्य हो । ऐसे मामले में 10 लोगों का पकड़ा गया माल जब अधिकारियों ने मात्र 4 लोगों के नाम पर सीज कर दिया तो अधिकारियों के हि सह पर उन 4 लोगों ने दबंगई पूर्वक सभी 10 लोगों का माल जुर्माना शुल्क जमा कर अपने नाम से रिलीज करा लिया ऐसे में लीगल रूप से दो नंबर के माल की चोरी कर ली गई । उधर दूसरी तरफ जुर्माना शुल्क लेकर कस्टम कार्यालय पहुंचे 6 लोगों को जब यह पता चला कि उनका माल कोई और चुरा ले गया है तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई । इस पूरे मामले की जानकारी होने के बाद महाराजगंज पुलिस विभाग और जिलाधिकारी तक भी शिकायत पहुंची है मामले में जिलाधिकारी डॉ उज्जवल कुमार ने बताया कि मामले की सूचना है जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी ।