करवा चौथ व्रत में इन बातों का जरूर रखें ध्यान, न करें ये गलतियां

महराजगंज। आज 24 अक्टूबर को हिंदू पंचांग के अनुसार रविवार है। रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित माना जाता है। रविवार सूर्य देवता की पूजा का वार है, जीवन में सुख-समृद्धि, धन-संपत्ति और शत्रुओं से सुरक्षा के लिए रविवार का व्रत सर्वश्रेष्ठ है। रविवार का व्रत करने व कथा सुनने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं।
कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि में मनाए जाने वाले करवा चौथ पर्व के दिन स्त्रियां अपने पति की मंगल आयु एवं अखंड सुहाग की प्राप्ति के लिए व्रत करती हैं। यह पति-पत्नी के अखंड प्रेम और त्याग की चेतना का प्रतीक है। इस दिन महिलाएं दिन भर के व्रत के बाद ईश्वर से पति की मंगलकामना चाहती हैं। इस दिन चंद्रमा के साथ-साथ शिव-पार्वती, गणेश और कार्तिकेय की भी पूजा होती है। शिव और पार्वती की पूजा का अर्थ ही है- पार्वती जैसी शक्ति और साधना हासिल करना और पति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना। आज के समय में करवा चौथ स्त्री-शक्ति का प्रतीक-पर्व है।
काले रंग के वस्त्रों को धारण न करें
इस दिन काले रंग के वस्त्रों का प्रयोग न करें। हिन्दू धर्म में काले रंग को अशुभता का प्रतीक माना जाता है। कहते हैं कि मंगलसूत्र के काले दाने के अलावा इस दिन किसी काले रंग का प्रयोग न करें।

सफेद रंग के कपड़ों से करें परहेज
मान्यता है कि सुहागिनों को सफेद वस्त्र धारण नहीं करने चाहिए। सफेद रंग सौम्यता और शांति का प्रतीक माना जाता है। लेकिन सुहाग के लिए रखे जाने वाले करवा चौथ व्रत में सफेद रंग की मनाही होती है।

भूरा रंग भी धारण न करें
करवा चौथ के दिन सुहागिन स्त्रियों को भूरा रंग पहनने से बचना चाहिए। मान्यता है कि यह रंग राहु और केतु का प्रतिनिधित्व करता है। इस दिन नई शादीशुदा महिलाओं को शादी का जोड़ा पहनना चाहिए। अगर शादी का जोड़ा पहनती हैं तो, इसे और उत्तम माना जाता है।