महराजगंज। बृजमनगंज थाना क्षेत्र के ग्राम सभा कानापार के धानी बाजार निवासी एक युवक ने अपने इकलौते मासूम बेटे और पत्नी की धारदार हथियार से निर्मम हत्या कर फरार हो गया | सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच में जुट गई |
प्राप्त जानकारी के अनुसार धानी बाजार निवासी सेवानिवृत शिक्षक राजेंद्रनाथ मिश्रा के दूसरे पुत्र शशि भूषण मिश्रा उर्फ़ मनीष उम्र 45वर्ष ने अपने 9 वर्ष के बेटे शौर्य मिश्रा उर्फ टुनटुन और पत्नी विजयलक्ष्मी उर्फ़ रिंकी उम्र लगभग 40 वर्ष की बीती शनिवार की रात्रि में धारदार हथियार कुल्हाड़ी से गला काट कर हत्या कर दिया और मौके से फरार हो गया। आरोपी युवक अपने मां बाप से अलग घर के दूसरी मंजिल पर रहता था |घटना की जानकारी परिजनों को रविवार दोपहर लगभग 1.30 बजे हुई। जब आरोपी युवक की बहन नेहा रानी मिश्रा ने अपने भतीजे शौर्य को सुबह से नही देखा तो उसने अपने पिता को फोन से बताया जो कि उस समय किसी कार्य से पनियरा गए थे। पिता आनन फानन मे घर आये और परिजनों संग जब घर के दूसरी मंजिल पर गए तो बरामदे में खून के छीटें जगह जगह गिरे हुए थे। उन्होंने घटना के बारे में धानी पुलिस को सूचना दिया। मौके पर थानाध्यक्ष बृजमनगंज श्याम सुंदर तिवारी मय फोर्स पहुंचकर घटना की जानकारी लिया। उसके बाद फोरेंसिक टीम ने घटना स्थल का निरीक्षण किया, मौके पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक सोमेंद्र मीणा ने परिजनों और लोगों से घटना के बारे में जानकारी लिया। इस दौरान अपर पुलिस अधीक्षक आतिश कुमार सिंह क्षेत्राधिकारी फरेंदा अनिरुद्ध कुमार भी मौजूद रहे।
पुलिस अधीक्षक सोमेंद्र मीणा ने बताया कि प्रथम दृष्टिया हत्या का मामला लग रहा है। पति मनीष ने पत्नी और बेटे की हत्या कर मौके से फरार हो गया है।मौके पर टग़ुली और कैची का आधा हिस्सा बरामद हुई है।
शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है जल्द ही मनीष कि गिरफ्तारी कर ली जाएगी। आये दिन मनीष का गांव मे हर किसी का विवाद होता रहता था।
मनीष पहले भी हत्या कई कर चुका है कोशिश
इसके पहले भी शशि भूषण उर्फ़ मनीष लगभग 2 वर्ष पूर्व अपने पिता राजेंद्र मिश्रा का हत्या करने कई कोशिश किया था। उस समय उसके पिता राजेंद्र मिश्रा रात को अपने कमरे मे सोये थे रात को वह चुपचाप अपने पिता के कमरे के घुस कर कुल्हाड़ी से हत्या करना चाहा लेकिन मच्छरदानी मे कुल्हाड़ी के फ़स जाने से पिता की अचानक नीद खुल गयी और शोर मचाने लगे तब जाकर उनकी जान बची थी लेकिन कोई लिखित रिपोर्ट न मिलने के कारण कोई कार्यवाही नही किया जा सका था।