सौरभ पाण्डेय
महराजगंज: हिंदी दिवस पर पंडित काशी प्रसाद दीक्षित शिक्षण एवं प्रशिक्षण स्नातकोत्तर महाविद्यालय पकड़ी दीक्षित में गोष्ठी का आयोजन किया गया। प्रबंध निदेशक अजय कुमार दीक्षित ने कहा कि हिंदी हमारी मातृभाषा है।इसका सभी सम्मान करें। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने के लिए काका कालेलकर, मैथिलीशरण गुप्त, रामचंद्र शुक्ल, हजारी प्रसाद द्विवेदी, सेठ गोविंददास और व्यौहार राजेंद्र सिंह आदि लोगों ने बहुत से प्रयास किए जिसके चलते इन्होंने दक्षिण भारत की कई यात्राएं भी की।
हिंदी विभागाध्यक्ष जयराम प्रसाद ने कहा कि अंग्रेजी भाषा के बढ़ते चलन और हिंदी की अनदेखी को रोकने के लिए हर साल 14 सितंबर को देशभर में हिंदी दिवस मनाया जाता है। आजादी मिलने के दो साल बाद 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा में एक मत से हिंदी को राजभाषा घोषित किया गया था और तभी से हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।14 सितंबर 1949 को हिंदी के पुरोधा व्यौहार राजेंद्र सिंह का 50वां जन्मदिन था जिन्होंने हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए बहुत लंबा संघर्ष किया। गोष्ठी को प्राचार्य योगेश कुमार दुबे ने भी संबोधित किया।
इस दौरान विद्यालय के संरक्षक डा.अजय कुमार पांडेय, डी एल एड के प्रबंधक विवेक दीक्षित
एन डी एम एकेडमी के प्रबंधक आशीष दीक्षित, प्राचार्य योगेश कुमार दुबे,पैरामेडिकल के विभागाध्यक्ष सुशील शुक्ल, वाणिज्य संकाय के हैपी सिंह, मदन प्रसाद,दीपक मणि त्रिपाठी, धर्मेंद्र पटेल, ,बृजेश्वर सिंह, मनोज गौड़,अजय कुमार यादव, अमित यादव आदि शिक्षक उपस्थित रहे।