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फ़र्ज़ी डीआईजी व कमिश्नर को गोरखपुर पुलिस ने किया अरेस्ट

डीआईजी व कमिश्नर बन करता था अवैध वसूली

गोरखपुर। मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर के बड़हलगंज कोतवाली पुलिस ने एक फर्जी डीआईजी व डिप्टी कमिश्नर को सोमवार को दबोच लिया। युवक कई महीनों से डीआईजी व कमिश्नर बनकर रसूखदारों से वसूली करता था। सोमवार को पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर
धारा 419, 420, 465, 467, 468, 474 सहित अन्य धाराओं में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
मामला बड़हलगंज कोतवाली थाना क्षेत्र का है जहां कस्बे के ही महदेवा मुहल्ला निवासी 28 वर्षीय राहुल पाण्डेय डीआईजी व कमिश्नर बनकर वसूली का धंधा करता था।
युवक ने सुनियोजित तरीके से अजय वर्मा नामक व्यक्ति की आईडी छलपूर्वक ले लिया। इसके बाद कूटरचित दस्तावेजों का प्रयोग कर मोबाइल नम्बर निकलवाकर निकलवाया।इसके बाद उस नंबर की मदद से व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर बड़े बड़े मामलों की सुनवाई करने लगा। मुख्यमंत्री का खास बताकर व्हाट्सएप ग्रुप में जनता दरबार लगाता था। झांसे में आकर लोग अपना काम करवाने के लिए पैसे भी देते थे। प्रमोशन, ट्रांसफर व नियुक्ति के नाम पर भी लाखों रुपये ऐंठे। फर्जी डीआईजी बिहार, डिप्टी कमिश्नर व उत्तर प्रदेश सरकार के जनता दरबार का अधिकारी बन विभिन्न जिलों के एसएसपी, डीएम व विभिन्न उच्च अधिकारियों को फोन कर गलत कार्य के लिए दबाव बनाने के साथ ही इन सभी अधिकारियों से अमर्यादित भाषाओं का प्रयोग करता था।
पुलिस सूत्रों की माने तो अभियुक्त के बात करने के कॉन्फिडेंस लेवल की वजह से विभिन्न अधिकारी भी इसकी बातों में आ जाते थें। बड़हलगंज कोतवाली के एक दरोगा को भी अभियुक्त ने कमिश्नर बन ठगी का शिकार बना चुका है। कुछ सूत्रों की माने तो इस शातिर अपराधी ने विभिन्न मंत्री बन प्रमुख सचिव को भी कई बार फोन किया है। गिरफ्तार करने वाली टीम में एसएसआई रविन्द्र यादव, कांस्टेबल विनोद शर्मा, सतेंद्र भाष्कर, धर्मेंद्र चौधरी, सुरेन्द्र यादव शामिल हैं।