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परतावल:जिस मां-बाप ने चलना सिखाया,उसे ही घर चलता किया,महीनों घर से बाहर रहने को मजबूर हुए माता-पिता

बड़े ही अरमान से माता पिता अपने बच्चों को पालते पोस्ते हैं ताकि बुढ़ापे में वो ही बच्चे उनके बुढापे में उनका सहारा बनेंगे।मगर महराजगंज जिले के श्यामदेउरवा थाना क्षेत्र के सिरसिया मलमालिय में एक बुजुर्ग दंपत्ति अपनी ही औलाद के कारण दर दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं साथ ही अपनी सुरक्षा की गुहार शासन प्रशासन से लगा रहे हैं। उम्र के इस पड़ाव पर आंसू छलकाते ये बुजुर्ग दंपत्ति हैं जहाउद्दीन ओर इनकी पत्नी जुग्राफिया खातून इन की इन नम आंखों और रोने का कारण कोई और नही खुद इनका बड़ा बेटा ओर बहु हैं,दोनो ने बड़े ही अरमान से जिस बेटे को पाला उसने ही इनका जीना दुश्वार किया हुआ है।जबरन इनके मकान में घुसकर बेटे बहु रह रहे हैं और बुजुर्ग दंपति गांव के ही मदरसे में रहने को मजबूर है
वहीं पीड़ित पिता की माने तो इन्होंने इनके तीन बेटे है एक बेटा विदेश रहता है और बड़ा बेटा सलाहुद्दीन हमेशा हम पति पत्नी को गाली देता है करीब एक महीना पहले हमारे लड़के सलाहुद्दीन ने हम लोगों को घर से निकाल देने का आरोप लगया है प्रार्थी ने बताया कि हम लोग इस कड़ाके के ठंड में गांव के ही मदरसे में रहने को मजबूर है पीड़ित ने बताया की उसने परतावल पुलिस चौकी पर प्राथना पत्र दे कर कायवाही की मांग की थी वहां भी उन्हें निराश ही हाथ लगी पुलिस चौकी परतावल का चक्कर काट कर थक गए जहाउद्दीन ने पुलिस अधीक्षक महराजगंज से न्याय की गुहार लगाई है
इस संबंध में चौकी प्रभारी परतावल जय शंकर मिश्रा ने बताया कि मामला घरेलू विवाद का है इनके परिवार में एक मकान है बाप को घर से नही निकाला है लड़का एक कमरे में रह रहा है जबकी बाप का कहना है जब तक लड़का पूरे घर को नही खाली करता तब तक मैं लड़के को घर में नही रहने दूंगा बाप चाहते है कि लड़का घर में न रहें