यूपी में सियासी उठापटक का दौर जारी है। सपा में जाने की अटकलों के बीच बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। उनके बड़े भाई एवं संतकबीर नगर से पूर्व सांसद कुशल तिवारी और पूर्व विधान परिषद अध्यक्ष गणेश शंकर पांडेय भी बसपा से निकाले गए हैं।
जिले के टाड़ा गांव निवासी पूर्व मंत्री पंडित हरिशंकर तिवारी के बेटे भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी ने बसपा के टिकट पर साल 2007 के उप चुनाव में संतकबीरनगर लोकसभा सीट से जीत दर्ज की थी। 2009 के आम चुनाव में भी उनको बसपा के टिकट पर यहां से जीत मिली थी। लेकिन 2014 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इस बार चुनाव से पहले बसपा ने उन्हें लोकसभा क्षेत्र का प्रभारी बनाया था। सपा-बसपा गठबंधन में यह सीट बसपा के खाते में जाने के बाद से कुशल तिवारी को टिकट का प्रबल दावेदार भी माना जा रहा था।
माना जा रहा था कि कई दिनों से ऐसी चर्चा चल रही थी कि हरिशंकर तिवारी का पूरा कुनबा बसपा को छोड़ समाजवादी पार्टी में जा सकता है. इस दौरान शनिवार को ही विनय शंकर तिवारी ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात की थी. इस मुलाकात ने इन चर्चाओं को और बल दे दिया था. बताया जा रहा है कि 12 दिसंबर को अखिलेश यादव की मौजूदगी में विनय तिवारी, उनके बड़े भाई कुशल तिवारी और गणेश पांडेय सपा में शामिल हो सकते हैं. कहा जा रहा है कि इनके साथ दो अन्य ब्राह्मण विधायक भी सपा में शामिल होंगे.