महराजगंज: परतावल विकास खण्ड के परतावल के टोला बरियरवा में तालाब सुंदरीकरण में मनरेगा योजना में फर्जी आईडी बनाकर करीब 25. 87 लाख रुपये का घोटाला करने वाले अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी विनय कुमार मौर्य (एपीओ) का जिलाधिकारी डा. उज्ज्वल कुमार के निर्देश पर शनिवार को समाप्त कर दी गई। एपीओ वर्तमान में घुघली ब्लाक में तैनात था। मामले में वन विभाग के तत्कालीन एसडीओ रहे घनश्याम राय, डीएफओ कार्यालय के कंप्यूटर आपरेटर अरविद कुमार श्रीवास्तव, लेखा लिपिक विद्रेश कुमार सिंह, परतावल ब्लाक के एपीओ विनय कुमार मौर्य, सदर कोतवाली के सतभरिया निवासी दिनेश मौर्य व एक अज्ञात ठीकेदार के खिलाफ कोतवाली में शुक्रवार को मुकदमा दर्ज हुआ था। मामले वन विभाग के तीन वनकर्मियों समेत सभी छह आरोपित पुलिस की रडार पर हैं।
आपको बता दें ग्राम पंचायत द्वारा मनरेगा से सुंदरीकरण कार्य कराया जाना था। इसके लिए आइडी जनरेट हुई थी। कार्य चल रहा था, इसी बीच गुणवत्ता को लेकर गांव के कुछ लोगों ने विरोध कर दिया और काम रुक गया। काम रुकने के कारण ब्लाक से भुगतान पर भी रोक लगा दी गई और यहीं से फर्जीवाड़ा का खेल शुरू हुआ। भुगतान पाने के लिए ब्लाक के अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी (मनरेगा) विनय कुमार मौर्य ने वन विभाग के तत्कालीन एसडीओ घनश्याम राय (अब सेवानिवृत्त) की मिलीभगत से आइडी वन विभाग को ट्रांसफर कर दी। और बिना कार्य हुए 25.87 लाख का भुगतान ले लिया गया।