महराजगंज। 23 साल पहले दूध में मिलावट करने वाले वाले आरोपित को अपर सत्र न्यायाधीश रेखा सिंह की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने मिलावटखोर पर बीस हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। कोर्ट ने माना कि आरोपित ने दूध में मिलावट कर अक्षम्य कृत्य किया है जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता।
घटना 17 मई 1999 की है। सुबह करीब साढ़े सात बजे खाद्य निरीक्षक एमएल गुप्ता ने नगर पालिका परिषद महराजगंज के आफिसर कालोनी गेट के पास सड़क से गुजर रहे तीन व्यक्तियों को रोका। वह व्यक्ति दूध बेचने जा रहा थे। तीन ग्वालों के दूध का नमूना लिया था। खाद्य निरीक्षक ने आरोपितों को जानकारी देकर दूध का नमूना लिया और प्रयोगशाला भेजा। जांच में चौक थाना क्षेत्र के खजुरिया निवासी रामसजन से लिए नमूने को प्रयोगशाला ने अपमिश्रित घोषित कर दिया। दूध में मिलावट होने पर खाद्य निरीक्षक एमएल गुप्ता ने रामसजन के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोप पत्र न्यायालय पहुंचा। जहां पर 23 वर्षों से मामला विचाराधीन चल रहा था। सुनवाई के दौरान शासकीय अधिवक्ता सर्वेश्वर मणि त्रिपाठी द्वारा साक्ष्यों के साथ चार गवाहों की गवाही कराई गई। उक्त प्रकरण में निर्णय पारित करते हुए आरोपित रामसजन को खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आजीवन कारावास और बीस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।