गोरखपुर। विधानसभा चुनावों के करीब आते ही राजनीतिक समीकरण तेजी से बनते बिगड़ते हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर में भी राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं। खबर है कि राजनीतिक रूप से पूर्वाचल के सबसे शक्तिशाली ब्रह्मण पंडित हरिशंकर तिवारी का पूरा कुनबा बसपा छोड़ सोमवार को सपा में शामिल होने जा रहा है। विश्लेषकों को मानना है कि यह पूर्वांचल का सबसे बड़ा राजनीतिक धमाका साबित होगा। इससे बसपा और भाजपा दोनों दलों को नुकसान की अशंका है और इस होने वाले नुकसान के डैमेज कंट्रोल को लेकर दोनों ही दल माथा पच्ची करने में शिद्दत से जुट गये हैं।
बताया जाता है कि उत्तर प्रदेश के पूर्व विधान परिषद अध्यक्ष और बेहद गंभीर राजनीतिक व्यक्तित्व के मालिक गणेश शंकर पांडेय बसपा छोड़ कर समाजवादी पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं। सूत्र बताते है कि इसके लिए सोमवार का दिन निश्चित किया गया है। इनके साथ चिल्लूपार के विधायक विनय शंकर तिवारी और संतकबीरनगर के पूर्व सांसद भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी भी हाथी की सवारी छोड़ कर साइकिल की रफ्तार बढ़ायेंगे। बता दें कि पूर्व सांसद कुशल तिवारी व विधायक विनय शंकर तिवारी कभी गोरखपुर के बाहुबली के रूप में चर्चित रहे व पूर्वांचल के सबसे बड़े ब्राह्मण नेता पंडित हरिशंकर तिवारी के बेटे हैं। पूर्व विधान परिषद अध्यक्ष गणेश शंकर पांडेय पंडित हरिशंकर तिवारी के सगे भांजे हैं। हरिशंकर तिवारी का पूर्वांचल के ब्राह्मण समाज में बेहद मान सम्मान है। उनके सक्रिय राजनति से हटने के बाद उनके भांजे और दोनों बेटों ने उनकी इस विरासत को बेहद कामयाबी के साथ सभाल रखा है।