महराजगंज। बाल गोपाल कृष्ण नटखट नंदलाल जितने नाम उससे अधिक अपनी लीलाओ से अचंभित करने वाले काम, भक्तों के दिलों में बसने वाले कान्हा के जन्म उत्सव की क्षेत्र में धूम मची है। बाल लीलाओं से लेकर महाभारत में गीता के सार तक श्रीकृष्ण के शब्द संपूर्ण जीवन को नई दिशा देते हैं। राधे कृष्ण के उच्चारण मात्र से दुखों को हरने वाले भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण के जन्म उत्सव पर राधाकृष्ण मंदिर सज गए हैं।श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर हर घर में तैयारियां की जा रही हैं।प्रभु जी के आगमन को लेकर जा श्रीकृष्ण की झांकियां सजायी जा रही है।
उल्लेखनीय है कि भाद्र पद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को प्रभु श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था। श्रीकृष्ण के जन्म के सम्बंध मे धार्मिक ग्रंथो मे जो वर्णन मिलता हैउसके अनुसार द्वापर युग में पृथ्वी पर दानवो के अत्याचार को देखते हुए देवतागण ब्रह्मा जी के साथ भगवान विष्णु के पास क्षीरसागर पहुंचे। भगवान विष्णु देवताओं की व्यथा सुन पृथ्वी पर अवतार लेकर दानवो और राक्षसो को पाप से मुक्ति का आश्वासन दिया। इसके बाद कश्यप मुनि मथुरा में जन्म लिए और वासुदेव के नाम से जाने गये। श्री कृष्ण वासुदेव की पत्नी के के गर्भ से जन्म लिए और शेषनाग बलराम के रूप में पैदा हुए। द्वापर युग के अंत में मथुरा में राजा उग्रसेन का पुत्र कंस बलपूर्वक उग्रसेन को गद्दी से उतार जेल में डाल दिया ।कंस के अत्याचार को देख उसका वध करने के लिए श्री कृष्ण कंस की बहन देवकी के कोख से जन्म लिए परंतु कंस की मृत्यु देवकी के पुत्र के हाथों होने की आकाशवाणी के बाद कंस ने देवकी और वासुदेव को कारागार में डाल दिया।भाद्र पक्ष के कृष्ण अष्टमी को कान्हा कारागार में पैदा और मां-बाप की बेड़िया और कारागार के द्वार खुल गए। बासुदेव ने उस समय सामने प्रकट हुए विष्णु भगवान के कहने पर गोकुल में नंद के घर कान्हा को पहुंचा दिया और उनके घर पैदा हुई कन्या को लाकर कारागार में रख दिया। गोकुल में नंद के घर पे पले श्री कृष्ण ने बचपन से ही अद्भुत लीला कर सबको आश्चर्य चकित करते रहे। बचपन में राक्षसों का वध कर श्री कृष्ण कंस का वध किया और कुरुक्षेत्र में पाप से भरे शक्तियों का विनाश किया। महाभारत में गीता के श्लोक से मानव को कर्तव्य से बोध कराया। श्री कृष्ण विभिन्न नामों से भक्तों के बीच विख्यात हैं और उनकी तमाम लीलाएं भक्तों को भक्ति रस में डूबोती हैं।नंद गोपाल भक्तो पर कृपा दृष्टि बरसाते है। श्री कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर घरों में झांकियां बनाई जाती हैं । 30अगस्त को सोमवार की मध्य रात्रि को प्रभु श्री कृष्ण इस बार अवतरित होगे और भक्त उनके आगमन को लेकर भजन कीर्तनकर खुशियां व्यक्त कर व्रत धारण कर सृष्टि कल्याण की कामना करेंगे।श्री कृष्ण जन्मोत्सव को लेकर गांव से शहर तक राधा कृष्ण मंदिर गुलजार हो गए हैं।श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पूर्व राधे कृष्ण के उद्बोधन से वातावरण भक्ति में हो गया है। प्रभु श्री कृष्ण के भक्त जन्माष्टमी को लेकर उत्साहित हैं और प्रभु के आगमन पर खुशियों से सराबोर हैं। गांव से लेकर शहर तक हर घर श्री कृष्ण जन्मोत्सव में हर्षोल्लास मे डूब गया है।