सदर कोतवाली थाना क्षेत्र के बरगदही निवासी नसीम व छोटकू के बीच बुधवार को विवाद हो गया था। जिसमेंं बीच बचाव करने गए नजमूलहोदा को ही सिसवा मुंशी पुलिस उठा कर कोतवाली ले गई। दोनों पक्षों में सुलह समझौते के बाद भी सिसवा मुंशी चौकी प्रभारी संजय कुमार अपने चौकी के समस्त स्टाफ को लेकर गुरुवार को शाम पांच बजे के करीब नसीम के घर पहुंच गए। गांव में दहशत का माहौल हो गया।जिसका विडियो भी सोशल मीडिया पर खुब वायरल हो रहा है। मानों किसी बदमाश को पकड़ने गए हैं। पुलिस की इस दुर्व्यवहार पूर्ण रवैए से ग्रामीणों सहीत क्षेत्र में आक्रोश व्याप्त है।
ग्राम प्रधान इरफान ने आरोप लगाया है कि सिसवा मुंशी पुलिस नजमूलहोदा को नसीम के द्वारा पैसा न दिलवाने पर फर्जी मुकदमे में फंसाने की भी धमकी दे रहीं हैं।तथा कोतवाली में समझौते के बाद भी पुलिस नसीम के दरवाजे पर लाठी मारती रहीं और अपशब्दों का प्रयोग की। सिसवा मुंशी चौकी प्रभारी संजय कुमार का कहना है कि आरोप निराधार है समझौते की कापी मिलने पर मैं वापस चला आया।लेकिन सवाल यह है कि अब कोई चौकी या ग्राम सभा में कोई व्यक्ति किसी भी मामले में समझौता कराता है दो वह दोषी है? अगर दोषी नहीं है तो फिर पुलिस नजमुल होदा को क्यों कोतवाली ले गई। इस मामले को लेकर ग्राम प्रधान इरफान आलम, सिसवा मुंशी ग्राम प्रधान अमर नाथ पटेल लक्ष्मीपुर देउरवा के ग्राम प्रधान विनोद कुमार नाराजगी जाहिर करते हुए एस0पी0 को ज्ञापन देकर सिसवा मुंशी चौकी स्टाफ के खिलाफ कार्यवाही करने कि मांग की। इस दौरान सापा नेत्री सुमन ओझा, नसीम खान, नजमुल,मिन्हाज सिद्दीक़ी तथा अन्य लोग मौजूद रहे।