रोजगार की तलाश में भटक रहे युवा
सूबे में रोजगारी की समस्या बिकट होती जा रही है, नौकरी नही मिलने से युवा निराश हो गए है। पढे़ लिखे बेरोजगार युवक काफी निराश हैं। डिग्रियां लेकर वह चतुर्थ श्रेणी पद के लिए परीक्षाएं दे रहे हैं। रोजगार की तलाश में युवा पीढ़ी दर-दर भटकने को विवश है,उच्च स्तरीय शिक्षा हासिल करने के बावजूद भी युवक बेगारी करने को विवश है। सरकारी नौकरी में भी ऐसे लोगो का चयन हो रहा है। आगे श्री पाण्डेय ने कहा कि जो अधिकारीयो और जनप्रतिनिधियों के करीबी है। रोजगार के नाम पर भ्रस्टाचार इस कदर बढ़ गया है कि बगैर सुविधा शुल्क लिए कोई काम कोई काम नही हो रहा है। धन के अभाव में बेहतर पढ़ाई करने वाले युवाओं का चयन नही हो पा रहा है।जिले के हजारों बेरोजगार युवक रोजगार की तलाश में दिल्ली, मुम्बई, सूरत, गुजरात जैसे शहरों में जाने को विवश है। युवाओं को रोजगार के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा। सरकार युवाओं को रोजगार तो दूर बेरोजगारी भत्ता देने में भी नाकामयाब है। निजी कंपनीयो व कारखानो में हाड़तोड़ मेहनत के बाद भी युवाओं को इतनी पगार नही मिल पा रही है कि अपने परिवार का भरण-पोषण अच्छे ढंग से कर सके। इस मामले में सरकार को विशेष ध्यान देंना चाहिए।