आज विश्व पर्यावरण दिवस है और इस मौके पर देश भर में करोड़ों पौधरोपण किया गया । गांव से लगाए शहरों तक पौधरोपण की बाढ़ सी रही । परन्तु आपको क्या लगता है कि यह सभी नन्हे पौधे वट वृक्ष बन पाएंगे , क्या यह सभी छाँव देने व फल देने में समर्थ हो जाएंगे ।
मेरा जवाब है बिल्कुल नहीं क्योंकि न तो इन्हें सींचा जाएगा और न ही कोई रख रखाव किया जाएगा । क्योंकि यह नया भारत है जो सिर्फ सेल्फी में विश्वास रखता है ।
मुझे याद है पूर्ववर्ती समाजवादी सरकार में उत्तर प्रदेश में कई करोड़ पौधरोपण कर एक रिकॉर्ड बनाया गया था जिसे गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी सम्मान पूर्वक जगह दी गई थी । लेकिन अफसोस आज मात्र उन पौधों में कुछ ही पौधे वृक्ष बनने की ओर अग्रसर हैं ।
भारतवर्ष में हिन्दू धर्म के मानने वालों की बाहुल्यता है , हिन्दू धर्म नें अंतिम संस्कार का जो विधान है उसमें लगभग कुंतल भर लकड़ी की आवश्यकता होती है । लेकिन आज हिन्दू धर्म के ही अधिकांश लोग पेड़ को काटने में व्यस्त हैं । इसमें एक बड़ा वर्ग उन लोगो का भी है जो इसे तस्करी कर पैसे कमाने का जरिया बना चुके हैं ।
हर बार हम संकल्प लेते हैं कि हम पर्यावरण की रक्षा करेंगें लेकिन होता क्या है कुछ नहीं , कुछ भी नहीं । मैं पेड़ काटने के लिए मना नहीं कर रहा हूँ क्योंकि एक बड़े भाग के लोग उससे आजीविका चलाते हैं लेकिन सोचनीय विषय है कि क्या आपने कभी पेड़ लगाया । क्या आपने जिन पेड़ो को काटा है कभी उसकी प्रतिपूर्ति करने की कोशिश की
अगर आप पेड़ो की सुरक्षा नहीं कर सकते , अगर आप पेड़ लगा नहीं सकते तो आपको पेड़ काटने का भी कोई हक नहीं है ।
बन्द करिए यह ढोंग साहब , आज पनियरा जंगल , सोहगीबरवा जंगल इस बात का गवाह है कि वन्य जीव जंतु व बहुमुल्य पेड़ लगातार काटे जाते रहे तस्करी चलती रही और हम मूक दर्शक की भाँति देखते रहे ।
आज किसी चुनाव में पर्यावरण संरक्षण कोई मुद्दा नहीं है , आज बड़े बड़े मंचों पर बस इसकी चर्चा कर दीजिए तो लोग आपकी बातों को अनसुना करके निकल जाएंगे ।
मैं हिन्दू धर्म के लोगों से विशेष अपील करता हूँ कि अपने अंतिम संस्कार के लिए कम से कम एक पेड़ अवश्य लगाएं । कोशिश कीजिये कि आप स्वयं के लिए कुछ अच्छा करके जाएं । आप अपनी स्मृति शेष के लिए भी एक पेड़ लगायें जिससे आपके जाने के बाद भी आप वृक्ष से आने वाली हवा , फल व छाँव के रूप में अपने स्वजनों को सुख पहुँचा सकें ।
बाकी बातें बहुत हैं कितना लिखें अंकित की लेखनी को यूँ ही प्रेम व स्नेह देते रहिये । आपका भाई आपके हित व समाज के लिए सदैव समर्पित है ।
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