टीबी के साथ कोविड होने पर बढ़ जाती है जटिलताएं
घर में भी डबल मास्क लगाएं टीबी मरीज, लक्षण दिखे तो परिजन कराएं कोविड जांच
महराजगंज 21 मई 2021: टीबी के साथ-साथ अगर कोविड हो जाए तो फेफड़ों पर बहुत बुरा असर पड़ता है। फेफड़ों के टीबी मरीज के लिए कोविड का होना काफी परेशान कर सकता है। टीबी के साथ कोविड होने पर जटिलताएं बढ़ जाती है। इसलिए टीबी मरीज के जीवन के हित में न केवल मरीज को बल्कि उसके परिजनों को भी सतर्क रहना होगा। यह कहना है जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ. विवेक श्रीवास्तव का। उन्होंने बताया की टीबी मरीज को घर में भी डबल मॉस्क लगा कर ही परिवार के अन्य सदस्यों से बात करनी है। परिवार के किसी भी सदस्य में अगर कोविड का लक्षण नजर आए तो उसे तुरंत कोविड जांच करवानी है। ऐसा न करने से अगर कोविड हुआ और घर का टीबी मरीज भी संपर्क में आ गया तो जान का खतरा हो सकता है। घर में कोविड मरीज हो तो टीबी मरीज को भी कोविड की जांच अवश्य करवा लेनी चाहिए।
डीटीओ ने बताया कि टीबी मरीजों को इलाज और दवा के लिए घर से निकलने की आवश्यकता नहीं है। विभाग द्वारा एक माह की दवा उनके घर पहुंचायी जा रही है। अगर किसी भी टी बी मरीज़ की दवा ख़तम होने वाली है तो वह क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता के माध्यम से सूचना देकर एक माह की दवा प्राप्त कर ले।
इन परिस्थितियों में भी टीबी जांच आवश्यक
डॉ. विवेक ने बताया कि अगर कोई कोविड मरीज ठीक हो जाता है और उसकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आ जाती है, फिर भी खांसी नहीं रूक रही है तो उसकी टीबी जांच अवश्य कराई जानी चाहिए। कोविड के लक्षण वाले व्यक्ति की जांच कराने पर अगर रिपोर्ट निगेटिव है तब भी टीबी जांच अवश्य करवा लें। टीबी की ट्रूनेट विधि से जांच की सुविधा जिला क्षय रोग केंद्र के अलावा सीएचसी लक्ष्मीपुर, सीएचसी फरेन्दा, सीएचसी सिसवा ,सीएचसी परतावल , सीएचसी निचलौल और सीएचसी मंसूरगंज में भी उपलब्ध है। जांच के बाद अगर किसी मरीज में टीबी की पुष्टि होती है तो न केवल उसका निःशुल्क इलाज होगा, बल्कि 500 रुपये प्रति माह पोषण के लिए उसके खाते में भी भेजे जाएंगे।
टीबी मरीज रखें ध्यान
• टीबी की दवा बंद न करें।
• मास्क, दो गज की दूरी और हाथों की स्वच्छता के नियम का कड़ाई से पालन करें।
• घर से बाहर बिल्कुल न निकलें।
• टीबी के साथ कोविड के लक्षण आ रहे हैं तो तुरंत जांच कराएं।
• घर के परिजनों से भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए ही मिलें।
• दवाओं के साथ चिकित्सक द्वारा बताए गये पौष्टिक भोजन का सेवन करते रहें।