अंकित मणि त्रिपाठी
भाजपा ने नामांकन के एक दिन पहले जिला पंचायत सदस्य पद की सभी 47 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की थी. इसमें हियुवा के धुरंधर गायब थे। हियुवा के जिला संगठन मंत्री काशीनाथ सिंह, ब्लाक संयोजक अशोक यादव समेत कई हियुवा पदाधिकारियों ने इस बार जिला पंचायत के चुनावी मैदान में प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया था, लेकिन सूची से नाम गायब देख असंतोष उभर कर सामने आ गया था.
हियुवा पदाधिकारियों ने भाजपा से बगावत कर हिन्दू महासभा के टिकट से भगवा ध्वज लहराते हुए सियासी मैदान में ताल ठोकी थी. परतावल क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य वार्ड संख्या 40 से भाजपा ने अंगद गुप्ता की पत्नी को टिकट दिया था. इसी सीट से हियुवा के जिला संगठन मंत्री काशीनाथ सिंह ने भी अपनी पत्नी सोभा सिंह को चुनाव मैदान में उतारा. मतगणना में इन दोनों को हार का सामना करना पड़ा. इस वार्ड से डॉ जय गोविन्द सिंह सैंथवार की पत्नी रम्भा देवी चुनाव जीतीं.
वार्ड नम्बर 37 से बीजेपी कार्यकर्ता व परतावल मंडल अध्यक्ष उमेश गुप्ता की पत्नी संगीता को टिकट दिया गया था. इसी सीट पर हियुवा के सक्रिय पदाधिकारी अशोक यादव ने अपनी पत्नी सोनी देवी को चुनाव लड़ाया. आपसी अंर्तकलह से इसी वार्ड से शमशाद आलम की पत्नी आयशा खातून चुनाव जीत गईं। वार्ड नंबर 38 से भाजपा ने अर्जुन सिंह ने प्रत्याशी बनाया तो वहीं भाजपा नेता ईश्वर यादव बगावत कर विश्व हिंदू महा संघ से चुनाव लड़ा। परतावल ब्लाक के चार जिला पंचायत सदस्य सीट में से
भाजपा से बगावत कर तीन सीट पर हियुवा पदाधिकारी चुनाव में उतरे थे। इन सभी तीनों सीट पर न तो भाजपा उम्मीदवार जीते और न ही हियुवा के पदाधिकारी।