जब मौसम बदलता है तो रोगों के संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में सजग रहकर बीमारियों से बचा जा सकता है। लेकिन अगर फिर भी मौसमी संक्रमण हो जाए तो होम्योपैथिक दवाओं का सेवन कारगर हो सकता है।
प्रमिला होमियो क्लीनिक एंड रिसर्च सेंटर के वरिष्ठ होम्योपैथी चिकित्सक डॉ हेमन्त श्रीवास्तव ने बताया ,इन दिनों मौसम लगातार बदल रहा है, जहां दिन में धूप और गर्मी होती है, वहीं पर रात और सुबह हल्की ठंडक। मौसम का लगातार बदलता मिजाज सेहत के लिए अनेक परेशानियां उत्पन्न करता है। बदलते मौसम में ज्यादातर लोग वायरल फीवर, फ्लू, जुकाम, सर्दी, खांसी, गले में खराश से परेशान हो जाते हैं, लेकिन यदि हम थोड़ी सी सावधानी रखें, खान-पान पर नियंत्रण रखें और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं।
इस मौसम में फ्लू, जुकाम और सर्दी-खांसी की शिकायत भी बहुत होती है, जो जीवाणु एवं विषाणुओं के ऊपरी श्वसन तंत्र में संक्रमण के कारण होती है। इसके कारण वायरल फीवर से मिलते जुलते लक्षणों के साथ-साथ आंख-नाक से पानी आना, आंखों में जलन होती है। इससे बचाव के लिए इंफ्लुइंजिनम 200 पावर की दिन में तीन खुराक लेकर फ्लू एवं सर्दी जुकाम से बचा जा सकता है। डॉ हेमन्त श्रीवास्तव ने बताया इसके उपचार में लक्षणों के आधार पर वायरल फीवर की दवाइयां ही फायदा करती हैं। इस मौसम में होने वाली खांसी में बेलाडोना, ब्रायोनिया, कास्टिकम, पल्सेटिला, जस्टीसिया, हिपर सल्फ आदि दवाइयां काफी फायदेमंद हैं, जिन्हें चिकित्सक के सलाह से ले सकते हैं, जब इस मौसम में खांसी का प्रकोप हो तो दवाइयों के साथ-साथ गुनगुने पानी से गरारा करना भी फायदेमंद होगा। ठंडी चीजों जैसे- आइसक्रीम, फ्रीज के ठंडे पानी, कोल्ड ड्रिंक से बचना चाहिए।