महराजगंज। लखनऊ पुलिस के देर रात राजस्थान के पूर्व राज्यपाल रहे स्व. सुखदेव प्रसाद के पुत्र व कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेश अध्यक्ष आलोक प्रसाद को हिरासत में लेने से मामला राजनैतिक रंग लेता जा रहा है। आलोक प्रसाद पर मंगलवार को लखनऊ विधान भवन के पास आत्मदाह का प्रयास करने वाली अंजली तिवारी को उकसा कर आत्मदाह के लिए प्रेरित करने का आरोप है। आलोक प्रसाद महराजगंज के वीर बहादुर नगर मोहल्ला में रहते हैं और 2017 में उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ा था। लोक प्रसाद की गिरफ्तारी से नाराज कांग्रेसी जिलाध्यक्ष अवनीश पाल के नेतृत्व में जिला मुख्यालय स्थित छत्रपति साहू जी महाराज की मूर्ति के पास धरना देकर अपना विराेध जताया। जिलाध्यक्ष अवनीश पाल ने कहा कि उन्हें राजनैतिक प्रतिद्वंदिता के तहत फंसाया जा रहा है।
कौन है अंजली तिवारी
झारखंड के पलामू जिले के केसास गांव की रहने वाली अंजली तिवारी उर्फ ज्योति जून 2012 में महराजगंज जिले के घुघली थाना क्षेत्र में स्थित पिपराइच उर्फ पचरूखिया तिवारी में बहू बनकर आई थी।पति से विवाद के बाद 2016 में अंजली किराए का मकान लेकर महराजगंज के वीर बहादुर नगर वार्ड में रहने लगी। जीवन यापन के लिए उसने एक कपड़े की दुकान पर नौकरी भी कर ली। इसी दौरान उसका संपर्क पड़ोस के आशिक रजा नाम के युवक से हो गया था। अंजली का आरोप है कि आशिक रजा नाम के जिस व्यक्ति से उसने दुबारा निकाह किया वह जबरन उसका धर्म परिवर्तन कराना चाह रहा था। नाम बदलकर अंजली से आयशा कर दिया। दो बार उसने गर्भपात भी करवाया। बीते चार अक्टूबर को अंजली आशिक रजा के घर में रहने के लिए धरने पर भी बैठ गई थी। मंगलवार को विधान भवन के सामने आत्मदाह की कोशिश करने पर मामला गर्म हो गया।