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व्यापक स्तर पर मनेगा तृतीय राष्ट्रीय पोषण दिवस-सीडीओ

सौरभ पाण्डेय

बच्चों एवं महिलाओं के पोषण स्तर में सुधार लाना होगा प्रमुख उद्देश्य

महराजगंज:- इस साल कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करवाते हुए तृतीय राष्ट्रीय पोषण माह मनाया जाएगा। इस दौरान पूरे माह बच्चों और महिलाओं के पोषण स्तर में सुधार लाने पर विशेष जोर दिया जाएगा। इसके लिए 15 विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस संबंध में मुख्य विकास अधिकारी पवन अग्रवाल ने कहा कि 5 वर्ष के कम आयु के बच्चों के व्यापक रोग एवं मृत्यु दर कुपोषण का प्रमुख कारण है।ऐसे में उनको चिन्हित कर उनकी जटिलताओं को कम करना भी जरूरी है। माह में अति कुपोषित (सैम) एवं कुपोषित (मैम) बच्चों की प्रारंभिक पहचान कर उनको प्रारंभिक उपचार के माध्यम से गंभीर परिणामों से बचाने का प्रयास किया जाएगा।

बच्चों के जन्म से 1000 दिन के महत्व के बारे में जन सामान्य विशेष कर महिलाओं को विस्तार से बताया जाएगा । उन्हें छह माह तक बच्चों को सिर्फ और सिर्फ स्तनपान कराने के महत्व से अवगत कराया जाएगा। कार्यक्रम से गर्भवती और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों को दूर रखा जाए।

उन्होंने कहा कि आनलाइन प्रतियोगिता जन्म के 1000 दिन का महत्व, पोषण युक्त भोजन, एनीमिया, डायरिया, एवं स्वच्छता विषय पर आयोजित की जाएगी।

सीडीओ ने यह भी कहा कि पोषण माह में किचेन गार्डन/ नयूट्री गार्डन के पौधों पर विशेष जोर दिया जाए। आंगनबाड़ी केन्द्रों तथा सरकारी परिसरों में पौष्टिक सब्जी और फलों का पौधा रोपित किया जाए। भूमि के अभाव में गमलों में तथा टेरेस गार्डन के लिए भी परिवारों एवं जन समुदाय को प्रेरित किया जाए।

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कार्यक्रम में इन बातों का रखें ख्याल

1-कर्मचारी और लाभार्थी आपस में दो गज की दूरी बनाए रखें।

2- कार्यक्रम स्थल पर हाथ धोने, सेनेटाइजर की व्यवस्था हो।

3- बैठने की पर्याप्त व्यवस्था वाले स्थानों पर ही कार्यक्रम हो।

4-कार्यक्रम में सभी लोग मॉस्क आदि का निश्चित प्रयोग करें।

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आयोजित होंगी ये गतिविधियाँ

-सैम और मैम बच्चों का चिन्हांकन और अनुश्रवण।

-पौधरोपण अभियान में किचन गार्डेन पर जोर।

-पोषण विषय पर आनलाइन प्रतियोगिता।

-डिजिटल पोषण पंचायत

-बेस्ट प्रैक्टिस, सक्सेस स्टोरी, कुपोषित बच्चों में कमी लाने, जन्म के प्रथम 1000 दिन विषय पर वेबिनॉर कांफ्रेंस।

-समुदाय स्तर पर जन सहभागिता

-कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन कराना।

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इन विभागों की होगी जिम्मेदारी

कृषि विभाग, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पंचायती राज विभाग, शिक्षा विभाग, ग्राम्य विकास विभाग, युवा एवं खेलकूद विभाग, आयुष विभाग, आवास एवं शहरी नियोजन, स्किल डेवलपमेंट, सूचना जनशक्ति, समाज कल्याण विभाग, जनजाति कल्याण विभाग तथा अल्प संख्यक कल्याण विभाग।