महराजगंज। कोरोना काल में भारत- नेपाल की सोनौली सीमा सील होने के बावजूद भी सीमावर्ती क्षे़त्र में नशे का कारोबार बेखौफ चल रहा है। पुलिस व एसएसबी आए दिन नशीली दवाओं के साथ नशे के आदी लोगों व तस्करों को दबोच रहे हैं। यह बरामदगियां बयां कर रहीं हैं किे नशे के कारोबार पर कोई अंकुश नही लग पाया। पकड़े गए लोगों के बयान के अनुसार यह धंधा सोनौली कस्बा व सीमावर्ती गांवों के दवा दुकानों से संचालित हो रहा है। जहां बिना विशेषज्ञ चिकित्सकों के परामर्श के फैंसाडील, कोरेक्स, सिरप, नाइट्रोसन, नाइटीजीपाम जैसे प्रतिबंधित कैप्सूल व नशीले इंजेक्शन धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं।
नेपाल पुलिस ने की थी शिकायत
बीते वर्ष नेपाल के बेलहिया पुलिस ने सोनौली के 17 दवा दुकानों पर नशीली दवाइयों को बेचने व नेपाल भेजने का आरोप लगाते हुए भारतीय प्रशासन से शिकायत की थी। जिस पर भारतीय प्रशासन ने छापेमारी कर छह दवा दुकानों पर कार्रवाई की थी।
बिना नारकोटिक्स लाइसेंस बिक रहीं दवाएं
नशीली दवाओं को बेचने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने नारकोटिक्स का अलग लाइसेंस बनाया जाता है। लेकिन, सीमा पर संचालित अधिकांश दुकानदारों ने सामान्य लाइसेंसों पर ही नशीली दवाएं बेचीं जा रहीं हैं। स्पार्क्स प्राक्सीवान, नारफीन, ओरेक्स, एमीसेट, वैनडेक्स, फेनरगान, कोको, कास्कोडिन, नाइट्रावेट, फोर्टविन आदि दवाएं खुलेआम सीमावर्ती दुकानों पर बिकती हैं। -18 जून को पुलिस व एसएसबी ने सोनौली कस्बे में एक नेपाली नंबर प्लेट की पिकअप से प्रतिबंधित दवाओं को बरामद किया। जिसमें नेपाल के निवासी धर्म बहादुर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। -23 जुलाई को शंकर बसनाल निवासी पालपा नेपाल व अर्जुन गेवाली निवासी गुल्मी नेपाल को भारी मात्रा में नशीली इंजेक्शन व दवाओं के साथ सोनौली कस्बा में पकड़ा गया।
22 अप्रैल को सोनौली के स्टेट बैंक के सामने सोनू गुप्ता निवासी बाल्मिकी नगर वार्ड सोनौली को 50 एंपुल इंजेक्शन व 75 टैबलेट नाइट्रोशन के साथ गिरफ्तार किया गया। पुलिस क्षेत्राधिकारी रणविजय सिंह ने बताया कि नशे के कारोबार को हर हाल में रोका जाएगा। पगडंडियों पर गश्त बढ़ा दी गई है। जल्द अभियान चलाकर चिहित दवा दुकानों पर छापेमारी की जाएगी।