20241113_062049

प्राइवेट लैब की बड़ी लापरवाही, कोरोना पॉजिटिव गणेश शंकर पाण्डेय मेडिकल कॉलेज की रिपोर्ट में निकले निगेटिव

गोरखपुर। कोरोनाकाल में जहां लोग भय के बीच जी रहे हैं वहीं निजी लैब उनके जीवन से खिलवाड़ करने में पीछे नहीं हैं। निजी लैबों में कोरोना जांच को लेकर बड़ी लापरवाही सामने आई है। गोरखपुर के प्राइवेट लैब तिलक पैथोलॉजी की रिपोर्ट में पॉजिटिव आए पूर्व सभापति विधान परिषद गणेश शंकर पांडेय 5 घंटे बाद मेडिकल कॉलेज को दिए नमूने में निगेटिव हो गए। 26 अगस्त को पूर्व सभापति विधान परिषद और बसपा नेता गणेश शंकर पाण्डेय बुखार की चपेट में आ गए थे, उन्होंने एहतियात बरतते हुए तिलक पैथोलॉजी गोरखपुर में अपना सैंपल कोरोना टेस्ट हेतु भेजा। गणेश शंकर पाण्डेय के बड़े पुत्र संतोष पाण्डेय इस टेस्ट से असंतुष्टि थे। अतः उन्होंने उनका सैम्पल गोरखपुर मेडिकल कॉलेज टेस्ट के लिए भेजा। तिलक पैथोलॉजी के जिस टेस्ट में गणेश शंकर पाण्डेय पॉजीटिव पाए गए थे। उसी आरटी पीसीआर टेस्ट में गणेश शंकर पाण्डेय नेगेटिव हो गए। पैथोलॉजी की पॉज़िटिव रिपोर्ट आने के बाद उन्हें लखनऊ के मेदांता में एडमिट करा दिया गया था, मेडिकल कॉलेज की रिपोर्ट के बाद उन्हें डिस्चार्ज करा लिया गया। उनके प्रतिनिधि रमेश तिवारी ने बताया कि तिलक पैथोलॉजी के खेल का पर्दाफाश हो चुका है, हम पूरे मामले को लेकर थाने में तहरीर देंगे। टेस्ट में ईजीन के डिटेक्ट होते ही लैब वाले कह देते हैं कि यह पॉजिटिव है लेकिन ईजीन के बाद एक टेस्ट और महंगा होता है। कई बार लैब पैसा बचाने के लिए यह टेस्ट नहीं कराती हैं।