महराजगंज:कोरोना उपचाराधीनों की बढ़ती संख्या में तेजी से हो रहे इजाफा को देखते हुए जिले में गंभीर मरीजों के लिए 100 बेड का एल-2 श्रेणी का अस्पताल तेजी से बनाया जा रहा है। इससे जिले के गंभीर कोरोना रोगियों को बड़ी सहूलियत मिलेगी। मसलन अब जिले में ही गंभीर मरीजों उनका सरकारी व्यवस्था के तहत से इलाज हो सकेगा। बीते सप्ताह से महिला अस्पताल में शुरू कोविड एल-2 हास्पिटल के सभी सौ बेड पर को आक्सीजन की सुविधा की जा रही है बेड बना दिया जाएगा, ताकि गंभीर मरीजों को यहीं बेहतर इलाज मिले।
अभी इस अस्पताल में केवल दस वेंटीलेटर हैं। अभी फिलहाल कोरोना के गंभीर मरीज गोरखपुर व बस्ती मेडिकल कालेज रेफर किए जा रहे हैं।कोरोना के शुरुआती दौर में महराजगंज के मरीजों को गोरखपुर मेडिकल कालेज भेजा जा रहा था। बाद में बिना लक्षण वाले मरीजों के लिए पुरैना पालिटेक्निक को 400 बेड का कोविड केयर हास्पिटल बनाया गया,लेकिन गंभीर मरीजों को लेकर जिले में समस्या बनी रही। बाद में शासन से चिह्नित होने के बाद निजी सेक्टर के केएमसी डिजिटल हास्पिटल को एल-2 हास्पिटल बनाया गया।
सरकारी क्षेत्र में ऐसा हास्पिटल न होने से गरीब मरीजों की दिक्कतों को देखते हुए अब नई व्यवस्था जिले में ही शुरू होने जा रही है | परेशानियां बनी रहीं। गोरखपुर व बस्ती मेडिकल कालेज में ऐसे मरीजों को भेजे जाने की मजबूरी बनी रही।
कोरोना उपचाराधीनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए शासन स्तर से जिले में ही गंभीर मरीजों के इलाज पर जोर दिया जाने लगा। इसके बाद ही महिला अस्पताल को कोविड एल-2 हास्पिटल में बदला गया। डीएम के निर्देश पर 100 बेड वाले इस हास्पिटल के दस बेड पर वेंटीलेटर की व्यवस्था कर मरीज भी भर्ती किए जाने लगे।
इस माह के अंत तक लग जाएगी आक्सीजन पाइप लाइन
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एके राय ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देशन में जिला महिला अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाया गया है। सौ बेड वाले इस एल-2 अस्पताल में दस वेंटिलेटर की व्यवस्था है। अभी सिलेंडर के माध्यम से आक्सीजन की व्यवस्था की जा रही है। इसी अगस्त माह के अंत तक आक्सीजन आपूर्ति के लिए पाइप लग जाएगी। इसके लिए प्रक्रिया जारी है। अन्य आवश्यक सामानों व उपकरणों की को व्यवस्था स्थानीय तथा शासन स्तर से की जा रही है।