आजकल के दौर में जब सारी दुनिया कोरोना जैसी महामारी से जूझ रही है तो ऐसी स्थिति में कई अन्य बीमारियों को हम अनदेखा नहीं कर सकते और इन सभी बीमारियों में एक सबसे बड़ी बीमारी डिप्रेशन है डिप्रेशन एक ऐसी बीमारी है जो इंसान को अंदर से खोखला कर देती है तथा उसकी मानसिक स्थिति को पूर्णतया बदल देती है डिप्रेशन में आए हुए व्यक्ति अजीब अजीब से व्यवहार करने लगता है, चिड़चिड़ापन ,गुस्सा तथा बात-बात पर झल्ला जाना व कभी-कभी नींद का ना आना आदि शामिल है ,अगर हम डिप्रेशन को अनदेखा कर देते हैं तो निश्चित रूप से एक बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न होने का खतरा रहता है डॉ हेमन्त श्रीवास्तव ने बताया कि बुजुर्ग को डिप्रेशन में आने की वजह से अनिद्रा की समस्या हो जाती है जिसकी वजह से हाई ब्लड प्रेशर, शुगर तथा कभी-कभी स्ट्रोक का भी खतरा बना रहता है ,ऐसी स्थिति में उनके मन की दशा को समझना होगा तथा एक ऐसा माहौल उत्पन्न करना होगा जिससे वह घर में ही रह कर अपने आप को प्रसन्न व खुश महसूस कर सकें तथा डिप्रेशन से दूर रहें!
छोटे बच्चों में आजकल जो ऑनलाइन क्लासेस स्टार्ट हो गए हैं जिसकी वजह से वह मोबाइल का उपयोग कुछ ज्यादा ही करने लगे हैं जिससे उनके अंदर चिड़चिड़ापन तथा लगातार मोबाइल को देखने की वजह से आंखों में समस्या है उत्पन्न होने लगे हैं ऐसे बच्चों को हम अपनी छत पर या ऐसे स्थान पर जहां पर भीड़भाड़ ना हो और बच्चों को थोड़ी देर के लिए प्राकृतिक माहौल में रहने दिया जाए तो उनकी इस प्रकार की समस्या दूर हो सकती है कोशिश करें आवश्यक होने पर ही मोबाइल का इस्तेमाल करें क्योंकि मोबाइल की वजह से बहुत सारी समस्याएं उत्पन्न होने का डर भी रहता है होम्योपैथिक चिकित्सा में डिप्रेशन का बहुत ही अच्छा इलाज है होम्योपैथिक में कुछ दवाइयां जैसे कि इग्नेशिया पैसिफ्लोरा जिंकसेंग तथा अन्य दवाएं बहुत ही कारगर है जिसे चिकित्सीय सलाह से ले सकते हैं ,जो डिप्रेशन के इलाज के लिए उपयुक्त मानी गई हैं साथ ही साथ अगर अपनी जीवन शैली में योग को सम्मिलित करते हैं तो व्यक्ति डिप्रेशन में नहीं आ सकता जिसके लिए कपालभाति भ्रामरी तथा अन्य योग क्रिया हमें डिप्रेशन से बाहर निकाल सकती है ज्यादा से ज्यादा फल का सेवन करें हरी सब्जियों का इस्तेमाल करें विटामिन सी तथा अन्य और भोज्य पदार्थ जो स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त हैं उनका उपयोग करें!