सौरभ पाण्डेय
महाराजगंज:- राज्य सूचना आयुक्त डॉ० दिलीप अग्निहोत्री ने कहा कि सूचना के अधिकार को केवल शब्दों तक सीमित नहीं समझना चाहिए। अधिनियम में उल्लिखित शब्दों के साथ भावना भी जुड़ी होती है और इसको भी समझने की आवश्यकता है। आरटीआई में भी जनकल्याण और पारदर्शिता की भावना समाहित है। उन्होंने कहा कि निर्धन अथवा पीड़ित व्यक्ति अपनी किसी समस्या के संबंध में आरटीआई दाखिल करते हैं,तो इनका उद्देश्य किसी पर अनुचित दबाव बनाना नहीं होता। इनको वांछित सूचना मिल जाने मात्र से इनकी समस्या का समाधान आसान हो जाता है। जनसूचना अधिकारियों को ऐसे लोगों पर प्राथमिकता के आधार पर ध्यान देना चाहिए। राज्य सूचना आयुक्त महाराजगंज में जन सूचना अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सूचना आयोग विगत कुछ वर्षों से लंबित आवेदनों के समाधान का अभियान चला रहा है। इसमें उल्लेखनीय सफलता भी मिल रही है। जनसूचना अधिकारी इस अभियान की गंभीरता को समझें और इसमें सहयोग करें। उन्होंने कहा कि सभी विभागों को तीस दिन के अंदर सूचना प्रदान करना अपरिहार्य है।उन्होंने पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में लंबित आरटीआई के संदर्भ में संबंधित विभागों के साथ समीक्षा की। इससे पूर्व अपर जिलाधिकारी डॉ० पंकज कुमार वर्मा, एएसडीएम मदन मोहन वर्मा ने पुष्पगुच्छ देकर लोक निर्माण अतिथि भवन पर किया।
इस अवसर पर अधीक्षण अभियंता विद्युत वाई०पी० सिंह, पी०डी० रामदरश चौधरी, डीसी एनआरएलएम, बी.बी. सिंह सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।