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8 साल की जैनिश ने रखा पहला रोजा, अल्लाह से मांगी ये दुआ

मुस्लिम समाज के पवित्र माह रमजान में रोजा रखने वालों पर अल्लाह की रहमत की बारिश होती है. माना जाता है कि रमजान के माह में अल्लाह हर एक नेकी के बदले कई गुणा नेकियों का सबाब अता फरमाते हैं, परतावल विकास खण्ड के विशुनपुर खुर्द निवासी इमरान खान की आठ वर्षीय पुत्री हिना अफरीन (जैनिश) ने पूरे एहतमाम के साथ पहला रोजा मुकम्मल किया। उसने अल्लाह से अपने इल्म की तरक्की के लिए दुआ मांगी। जैनिश प्रेसीडेंसी स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इंग्लिश मीडियम स्कूल की छात्रा है, अंग्रेजी माध्यम स्कूल की छात्रा होने के बावजूद धार्मिक विचारधारा से ओत प्रोत है। उसका कहना है कि रोजा रखने की प्रेरणा मुझे अपने अम्मी-अब्बु और दादा-दादी से मिली, जैनिश की मां शीबा अफरीन का कहना है कि जैनिश के जीवन का यह पहला रोजा है, जैनिश ने सेहरी में एक रोटी खाई और पानी पिया, फिर सुबह की नमाज अदा कर के सो गयी।
घरवालों ने बताया कि उम्र को देखते हुए हम लोगों ने जैनिश को और बड़ी होने पर रोजा रखने का सलाह दिया, लेकिन उसने जिद कर दी की उसे रोजा रखना है, बच्ची की जिद के बाद घर वाले भी जैनिश के रोजा रखने की बात मान गए और वे इस बात को लेकर बेहद खुश भी हैं।