फसलों के दुश्मन नीलगायों ने अब जंगल क्षेत्र को छोड़ मैदानी इलाकों का रुख कर लिया है। घुघली विकास खण्ड के करमही गांव के सिवान में नीलगायों ने अपना डेरा बना लिया है, जो फसलों को व्यापक पैमाने पर नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसका आतंक इतना बढ़ गया है कि किसानों का कमर तोड़ कर रख दिया है। फसल चरने के अलावा उसे रौंदकर तहस-नहस कर दे रहा है। झुंड के झुंड खेतों में विचरण कर रहे इन नीलगायों से किसानों के सामने बचाव के कोई उपाय नजर नहीं आ रहे हैं। फसलों की बबांदी देख किसान बेचैन हो उठे हैं। चारों तरफ फैले ये जानवर किसानों के कई एकड़ खेत में लगी गेहूं समेत अन्य फसलों को चबा चुके हैं। अगर फसल को बचाना है तो किसानों को अपने खेतों में जाल लगाकर या रतजगा कर फसल को बचाने की मजबूरी हो गई है। तभी फसल बच पाएगी अन्यथा किसानों के घर तक फसल पहुंच पाना मुश्किल काम हो गया है। वन्य प्राणी होने की वजह से इन नीलगायों को कोई मार भी नहीं सकता है। ऐसे में आखिर किसान करे तो क्या करे। किसान जोगिंदर चौधरी, रामचंद्र, बाबूलाल,जयप्रकाश,हरी चौधरी आदि लोगों ने नीलगायों की झुंड को पकड़ कर वन विभाग की टीम से जंगल में छोड़ने की मांग की है।