गर्मी में सरसो की कटाई और आलू की खोदाई के बाद ज्यादातर किसान के खेत धान की रोपाई तक खाली रहते है। इसमें उर्द-मुंग एवं मैंथा (पिपरामेंन्ट) की खेती कर अतिरिक्त मुनाफा कमाया जा सकता है। कृषि विशेषज्ञ सौरभ सिंह ने बताया की कि यह समय उर्द-मूंग प्रिपरामेन्ट, फ़सल के लिए सर्वोत्तम है। इससे मिट्टी की उर्वध शक्ति भी बढ़ेगी।
उर्द की बुवाई अप्रैल के प्रथम सप्ताह तक अवश्य कर लें। मूंग की बुवाई का यह अन्तिम समय चल रहा है। देरी से बुवाई करने पर मानसूनी बारिश होने से फसल खराब होने की आशंका बनी रहती है। बुवाई के लिए प्रति एकड़ 10 से 12 किलोग्राम बीज का प्रयोग करे, बुवाई करने से पहले बीज को उपचारित करना आवश्यक है। मुंग की बेहतर पैदावार देने वाली प्रजातियों में आजाद मुंग -1 (KM 2342), नरेन्द्र मुंग-1 सूची इत्यादि बेहतर प्रजातिया में शेखर 3(केपू 309) आजाद उर्द-3 बल्लभ उर्द प्रमुख है। बुवाई के तुरंत बाद तीन दिन के अन्दर खरपतवार के लिए पेन्डामेंथालीन दवा मिट्टी पर स्प्रे करें।