रिश्तेदार बनाकर भारत लाई जाती हैं नेपाली लड़कियां
नेपाल में जमकर होती है गांजे की खेती, बॉर्डर पर जितना गांजा ढाई-तीन हजार रुपए का मिल जाता है उसकी कीमत दिल्ली आते-आते पच्चीस से तीस हजार हो जाती है
नेपाल-महराजगंज बॉर्डर पर सिर्फ खाद की ही तस्करी नहीं हो रही बल्कि गांजा, राशन, मशाले तक की तस्करी होती है। देखने पर चौकियों पर तो एसएसबी बहुत सख्त दिखती है लेकिन खेतों के रास्ते तस्करी चल रही है। खुलेतौर पर राशन की तस्करी होती दिख जाएगी।
बॉर्डर पार से लड़कियों की तस्करी भी बहुत आम है। नेपाल में गरीबी बहुत है, एजेंट उनके पैरेंट्स को लालच देते हैं कि आपकी बच्ची को नौकरी दिलवा देंगे। कुछ पैसे देते हैं और साथ में ले आते हैं, यहां भी आते हैं तो रिश्तेदार बनाकर लाते हैं क्योंकि सीमा से लगे महराजगंज के क्षेत्र का तो नेपाल के साथ रोटी-बेटी का रिश्ता है। लगभग हर घर की ही रिश्तेदारी है। इसलिए रिश्तेदार बनाकर लाते हैं पकड़ा गए तो रिश्तेदारी बताते हैं और अंदर आ जाते हैं। यहां से लड़कियों को देह व्यापार के धंधे में धकेल दिया जाता है।
बृहस्पतिवार को चार नेपाली लड़कियां सोनौली बॉर्डर लाईं गईं थी, इन सबको बेचने की तैयारी थी, लेकिन तभी सोनौली पुलिस और एसएसबी को मुखबिर से सूचना मिली। इसके बाद एक महिला और एक पुरुष तस्कर को गिरफ्तार कर लिया गया। उनके कब्जे से चार लड़कियों को बरामद किया है। गिरफ्तार मानव तस्कर अंशु जायसवाल पुत्र दयाशंकर प्रसाद जो सोनौली नगरपंचायत का निवासी है। साथ ही एक अभियुक्त पकड़ी गई है, जिसके नाम का ज़िक्र प्रेस नोट में नही मिला।